Friday, 29 September 2017

त्याग दी सब ख्वाहिशें, कुछ अलग करने के लिए।
‘राम’ ने खोया बहुत कुछ, ‘श्री राम’ बनने के लिए।।

Wednesday, 27 September 2017

धूप की हर तपिश को मुस्कराकर झेलिये।
धूप कितनी भी हो समंदर सूखा नहीं करते।।

झुकने से रिश्ता हो गहरा, तो झुक जाना चाहिए।
हर बार आपको झुकना पड़े तो रुक जाना चाहिए।।


Sunday, 24 September 2017

हथेली पर रखकर नसीब तू क्यूं अपना मुकद्दर ढूढ़ता है।
सीख उस समंदर से जो टकराने के लिए पत्थर ढूढ़ता है।।


Tuesday, 19 September 2017

वो चिराग और होते हैं, जो हवाओं से बुझ जाते हैं।
हमने तो जलने का हुनर ही,  तूफानों से सीखा है।।

वाकिफ़ कहाँ आज दुश्मन, हमारी उड़ान से।
वो कोई और थे जो कल, हार गए तूफान से।।

Wednesday, 13 September 2017

सफर में घाव खाता है उसी का मान होता है, छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है।
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का, वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवान होता है।।

कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी।
सदियों रहा है दुश्मन दौरे -जमाँ हमारा।।

Monday, 4 September 2017

इन्सानियत की रोशनी, गुम हो गई कहाँ।
साए  हैं आदमी के, मगर आदमी  कहाँ।।


Friday, 1 September 2017

सारे साथी काम के,  सबका अपना मोल।
जो संकट में साथ दे, वो सबसे अनमोल।।